आज के टॉप गेनर्स और लूजर्स: 24 दिसंबर, 2024 को सबसे ज्यादा मूव करने वाले शेयर

भारतीय बाजारों में “सांता रैली” की उम्मीदें 24 दिसंबर को धराशायी हो गईं क्योंकि बेंचमार्क शुरुआती बढ़त खोकर कमजोर नोट पर बंद हुए। ट्रेडिंग सत्र अस्थिरता से भरा हुआ था, जिसमें निवेशकों ने मिश्रित वैश्विक संकेतों और वर्ष के अंत में मुनाफावसूली का जवाब दिया।

बाजार का अवलोकन:

बीएसई सेंसेक्स 0.4% की गिरावट के साथ 66,200 पर बंद हुआ, जबकि एनएसई निफ्टी 50 0.35% की गिरावट के साथ 19,700 पर समाप्त हुआ। उच्च स्तर पर खुलने के बावजूद, दोनों सूचकांक अंतिम घंटों में बिकवाली के दबाव के कारण उलट गए। आईटी, फार्मा और एफएमसीजी जैसे क्षेत्रों ने सूचकांकों को खींचा, जबकि धातु और बैंकिंग में चयनात्मक खरीदारी ने कुछ सहारा प्रदान किया।

टॉप गेनर्स:

  1. हिंदाल्को इंडस्ट्रीज (+3.2%): मजबूत वैश्विक एल्युमीनियम कीमतों और सकारात्मक मांग दृष्टिकोण से हिंदाल्को शीर्ष लाभार्थी के रूप में उभरा।
  2. टाटा स्टील (+2.8%): स्टील की कीमतों में तेजी और चीनी मांग को लेकर चिंताओं में कमी से टाटा स्टील में उल्लेखनीय बढ़त देखी गई।
  3. आईसीआईसीआई बैंक (+2.1%): मजबूत चौथी तिमाही की आय की उम्मीदों के बीच बैंकिंग दिग्गज में जबरदस्त खरीदारी रुचि देखी गई।

टॉप लूजर्स:

  1. एचसीएल टेक (-3.5%): कमजोर तिमाही मार्गदर्शन और वैश्विक आईटी खर्च को लेकर चिंताओं ने स्टॉक पर दबाव डाला।
  2. डॉ. रेड्डी’ज लेबोरेट्रीज (-2.8%): प्रमुख बाजारों में बढ़ती प्रतिस्पर्धा की खबरों के बाद फार्मा प्रमुख गिर गया।
  3. ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज (-2.5%): हालिया रैली के बाद एफएमसीजी शेयरों में मुनाफावसूली के कारण ब्रिटानिया के शेयरों में गिरावट आई।

प्रमुख बाजार चालक:

  1. वैश्विक संकेत: वैश्विक बाजारों से सकारात्मक संकेतों की कमी ने ट्रेडर्स को सतर्क रखा। अमेरिकी फेडरल रिजर्व के सख्त रुख और वैश्विक आर्थिक विकास को लेकर चिंताएं मुख्य बाधा बनी रहीं।
  2. मुनाफावसूली: हालिया बाजार रैली के बाद निवेशकों ने मुनाफा बुक किया, जिससे व्यापक बिकवाली का दबाव बना।
  3. वर्षांत की सुस्ती: छुट्टियों के मौसम से पहले ट्रेडिंग वॉल्यूम अपेक्षाकृत कम होने के कारण बाजार की चाल बढ़ा-चढ़ाकर दिखी, जिससे गिरावट का पक्ष बढ़ा।

विशेषज्ञों की राय:

“इस साल सांता रैली साकार नहीं हो पाई, मुख्य रूप से बाहरी अनिश्चितताओं और घरेलू मुनाफावसूली के कारण। जबकि धातु और बैंकिंग जैसे कुछ क्षेत्रों ने लचीलापन दिखाया, समग्र भावना कमजोर बनी हुई है,” एबीसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ बाजार विश्लेषक राजेश शर्मा ने कहा।

आउटलुक:

बाजार प्रतिभागी अब अगले दिशा निर्धारण कदम के लिए प्रमुख वैश्विक आर्थिक डेटा और कॉर्पोरेट आय पर नजर गड़ाए हुए हैं। 2024 के समाप्त होने के साथ, विशेषज्ञ निवेशकों को दीर्घकालिक लाभ के लिए मौलिक रूप से मजबूत शेयरों पर ध्यान केंद्रित करते हुए सतर्क दृष्टिकोण अपनाने का सुझाव देते हैं।

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